दरभंगा में 11 साल के बच्चे को जंजीर से बांधा गया और उसके साथ मारपीट की गई। बच्चे ने बताया कि उसकी दादी और पिता उसके साथ मारपीट करते हैं। इसलिए वो घर से भाग गया है। वो दूसरों के यहां काम करके अपना पेट भरता है। उसके शरीर पर 24 से ज्यादा कट के निशान हैं। इधर, बच्चे के पिता का कहना है कि वो किसी की बात नहीं सुनता इसलिए उसे पीटते हैं।
जाले प्रखंड के रतनपुर पंचायत के 11 साल के अमित को देखने वाला कोई नहीं। घर में पिता और दादी की पिटाई से परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया। कभी किसी चाय नाश्ते की दुकान पर कप प्लेट धो कर, तो कभी किसी मंदिर मठ में जाकर वह रोज अपने भोजन की तलाश करता है।
शनिवार को रतनपुर पंचायत के पश्चिमी छोर पर बैदौली चौक के चाय नाश्ते की एक दुकान पर वो बैठा हुआ था। उसके एक पैर में जंजीर बंधी हुई थी। वो रो रहा था। आसपास के लोगों ने उसकी जंजीर खोली। इसके बाद उसने पूरी कहानी बताई।
बच्चे का कहना था कि उसकी मां नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि घर में बच्चे की बेरहमी से पिटाई की जाती है। घर के लोग खाना तक नहीं देते हैं। संबंध में पूछे जाने पर बच्चे के पिता आनंद ठाकुर का गोल मटोल जवाब सामने आया। बताया कि उसका बच्चा उसका बात नहीं मानता है, इसलिए उसकी पिटाई की जाती है।
आनंद ठाकुर ने बताया कि उसका बच्चा कुछ दिन पहले गांव में ही किसी के यहां काम कर रहा था। घर जाने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए उसे छोड़कर वह जा रहे हैं। जब पंजाब जाएंगे तब वहां छोड़ आएंगे। लोगों ने इसकी सूचना कमतौल थाना की पुलिस को फोन पर दी।
बेदौली चौक के नाश्ता दुकानदार दिव्यांग सुबोध ठाकुर ने बताया कि पुलिस को सूचना देने के बाद देर शाम तक बच्चे को चौक पर रखा गया पर पुलिस नहीं पहुंची। अब लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन चुका है।
लोगों का कहना है कि बच्चे की समस्या के निदान के लिए तैयार किए गए बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन एडवाइजरी बोर्ड और बाल कल्याण समिति शायद सो रही है। यदि बच्चे की तस्करी कर दी जाएगी या फिर कोई घटना होती है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा? इस संबंध में पूछे जाने पर कमतौल थाना अध्यक्ष वरुण कुमार गोस्वामी ने बताया कि मुझे इस प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई है।