होटल-ढाबों ने की कमाई
वाराणसी। इस साल काशी में भक्तों की बाढ़ सी आ गई है। बीते 45 दिनों तक चले महाकुंभ के कारण कुल 4.32 करोड़ श्रद्धालु काशी पहुंचे, जिससे धार्मिक पर्यटन और कारोबार में जबरदस्त उछाल नजर आया। 150 करोड़ के रुद्राक्ष और कुबेर, 30 करोड़ के चंदन के टीके बिके। इस दौरान 100 करोड़ के रुद्राक्ष और 50 करोड़ के कुबेर बिके।
भक्तों ने 30 करोड़ के चंदन के टीके लगाए, जो श्रद्धालुओं की गहरी धार्मिक आस्था को दर्शाता है। बाबा विश्वनाथ धाम में हर रोज़ औसतन 5 लाख लोग दर्शन पहुंचे। पहली बार महाशिवरात्रि पर 43 घंटे तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन होते रहे। पिछले साल 8 मार्च 2024 को 11.55 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे थे, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़कर 25 लाख हो गई है। एक लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालु यहां आए।
भारत के 24 राज्यों से लाखों श्रद्धालु काशी आए, जिनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड प्रमुख रहे। नो-व्हीकल जोन लागू होने से 5-स्टार और 3-स्टार होटलों ने बाइक से कस्टमर्स को लाने-ले जाने की सुविधा दी। कई जनरल स्टोर्स के मालिकों ने ढाबे खोल लिए हैं, जिससे स्थानीय व्यवसायों को बड़ा फायदा हुआ है। काशी में इस बार न केवल श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक संख्या देखी गई, बल्कि धार्मिक पर्यटन और व्यापार में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। बाबा विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण के बाद से यहां भक्तों की संख्या बढ़ रही है, जिससे स्थानीय व्यापार और होटल इंडस्ट्री को बड़ा फायदा हो रहा है।