पांच शिक्षकों पर पूर्व में गिर चुकी है गाज, शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में खामियां मिलने पर उनका वेतन रोक दिया गया
मथुरा । परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्तियों में घोटाले हुए हैं। फर्जी दस्तावेजों से सहायक शिक्षक बनने में सफल हुए हैं। एसटीएफ की रडार पर 319 संदिग्ध शिक्षक आ गए हैं। पिछले हफ्ते पांच शिक्षकों के वेतन रोकने के आदेश हो चुके हैं। एसटीएफ को एक शिक्षक के दस्तावेजों में खामी मिली है। एसटीएफ ने शनिवार को बेसिक शिक्षाधिकारी से संदिग्ध शिक्षक के दस्तावेज तलब किए हैं। इस कारण फर्जी दस्तावेजों से शिक्षक बनने वालों में खलबली मची है।
गौरतलब हो कि एसटीएफ ने वर्ष 2018 में विज्ञान शिक्षक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया था। इसके बाद बीएसए कार्यालय लगातार सुर्खियों में रहा है। एसटीएफ के निशाने पर 319 संदिग्ध शिक्षक हैं। एसटीएफ बीएसए कार्यालय से 319 शिक्षकों के दस्तावेज इस वर्ष मांग चुकी है। पहली बार 11, दूसरी बार 178 और तीसरी बार में 130 शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज मांगे हैं। संभावना है कि इन शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी हैं।
एसटीएफ की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े माफिया की नींद उड़ रही है। माफिया एसटीएफ की हर गतिविधि पर ध्यान दे रहे हैं। पिछले हफ्ते एसटीएफ की संस्तुति पर पांच शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई हुई है। इसमें दो शिक्षक नेता भी शामिल हैं।
एसटीएफ को जांच में एक अन्य शिक्षक के दस्तावेजों में खामी मिली है, जिसके मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र एसटीएफ ने बेसिक शिक्षाधिकारी को पत्र लिख कर तलब किए हैं। विदित हो कि हाल ही में 5 अन्य शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में खामी मिली थी। एसटीएफ की संस्तुति पर बीएसए ने उनका वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।
शनिवार शाम कार्यवाहक बीएसए राज लक्ष्मी पांडे ने बताया कि एसटीएफ ने एक शिक्षक के दस्तवेज कार्यालय से मांगे हैं। दस्तावेजों को तैयार कर एसटीएफ को भेजा जा रहा है। इससे पूर्व पांच शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में खामियां मिलने पर उनका वेतन रोक दिया गया है।