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भाजपा की रणनीति : भूपेंद्र चौधरी के कंधों पर पश्चिमी यूपी में जाटों को साधने का जिम्मा, जानें पूरा प्लान

मेरठ, । 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति साफ कर दी है। पश्चिमी उप्र में जाटों को साधने के लिए भाजपा ने मुरादाबाद निवासी कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वेस्ट यूपी की रग-रग से वाकिफ भूपेंद्र चौधरी के कंधों पर जाटों को साधने का जिम्मा देकर भाजपा ने साफ कर दिया कि पश्चिमी उप्र को लेकर विशेष रणनीति बनाई गई है।

2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को पश्चिमी उप्र में करारा झटका लगा था। सपा, बसपा, रालोद महागठबंधन के साथ मुकाबले में बिजनौर, सहारनपुर, नगीना, अमरोहा, रामपुर, संभल, मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद रालोद का सपा-मुस्लिम का परंपरागत गठबंधन टूट गया था और 2014 के लोकसभा चुनावों में रालोद मुखिया स्वर्गीय अजित सिंह और उनके बेटे जयंत सिंह चुनाव हार गए। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावों में भी रालोद का सूपड़ा साफ हो गया। इसके बाद हुए किसान आंदोलन के बाद जाट फिर से रालोद से जुड़ने लगे। अपने खोये जनाधार को पाने के लिए रालोद ने सपा के साथ गठबंधन किया। इसके बाद किसान आंदोलन की नाराजगी के बीच हुए 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को नुकसान हुआ। इसमें भाकियू के नेतृत्व में हुए आंदोलन में जाटों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ी। अधिकांश जाटों ने राष्ट्रीय लोकदल और सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को वोट दिया। इस सफलता से रालोद नेतृत्व उत्साहित है और उसने खुलकर जाटों को अपने पाले में लाने का अभियान शुरू किया है।

सपा-रालोद गठबंधन की सफलता से चिंतित भाजपा ने पश्चिमी उप्र को अपनी सियासी प्रयोगशाला बना डाला है। खासकर उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेस्ट यूपी के जिलों का ताबड़तोड़ दौरा शुरू किया है और विकास कार्यों के लगातार लोकार्पण और शिलान्यास किए जा रहे हैं। जाटों को साधने के लिए अब भाजपा ने प्रदेश के पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। मुरादाबाद के महेंद्री सिकंदरपुर गांव के निवासी भूपेंद्र सिंह ने 1989 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। जिला कार्य समिति सदस्य के बाद जिला कोषाध्यक्ष, जिला महामंत्री और फिर जिलाध्यक्ष का कार्य संभाला। 2000 में भाजपा के विभाग संयोजक बनाए गए तो इसके बाद पश्चिम क्षेत्र के मंत्री का दायित्व संभाला। बाद में क्षेत्रीय अध्यक्ष के रूप में भाजपा संगठन में भूमिका निभाई।

भूपेंद्र चौधरी ने 1999 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में संभल लोकसभा सीट से सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद 2009 में मुरादाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2016 में भाजपा ने भूपेंद्र चौधरी को विधान परिषद में भेज दिया। 2017 में प्रदेश में सरकार बनने पर पहले राज्य मंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2022 में फिर से सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री चुना गया।

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