फाइल फोटो
महबूबा को जख्मी करने के बाद जिंदगी लुटाने वाले की दास्तां…..
–- पहले दो मर्तबा नाबालिग को लेकर भाग चुका था कुंदन
– शादीशुदा होने के बावजूद किशोरी से करता था आशिकी
– किशोरी भी कुंदन के खिलाफ गवाही देने से मुकरी थी
कानपुर देहात। अपनी आखिरी मोहब्बत को अंतिम सफर में साथ लेकर जाने की ख्वाहिश थी। इसी नाते कुंदन ने मेहबूबा की गले पर चापड़ से हमला करने के बाद खुद की कनपटी पर फायर झोंककर मौत की नींद सुला दिया। इसीलिए पड़ताल में सामने आया कि शादीशुदा कुंदन अपनी पत्नी से बेहद इश्क करता था, लेकिन नाबालिग आशिकी को भी अपनाने का जुनून था। कुंदन की मोहब्बत भी आशिकी के भंवर में फंसी थी, इसीलिए दो मर्तबा घर से भागने के बाद बरामदगी हुई तो कुंदन के खिलाफ गवाही देने इंकार कर दिया था। कुंदन और नाबालिग के इश्क का सफर भी भजन-कीर्तन में मुलाकात से शुरू हुआ था।
कीर्तन के दौरान मोहब्बत का अफसाना
कुंदन गोस्वामी मूलरूप से कन्नौज के गुरसहायगंज का निवासी था। कमाई के लिए देवी-जागरण और भगवत भजन ही जरिया था। कुछ बरस पहले रनियां के सुंदरनगर में खांटू श्याम के भजन-समारोह में कुंदन का स्वर गूंजा तो नाबालिग राधा सरीखी दीवानी हो गई। नाबालिग के माता-पिता भी कुंदन की भक्ति के कायल थे, लिहाजा घर आने का न्योता दिया। इसी के साथ कुंदन की जिंदगी में नाबालिग मोहब्बत का पन्ना जुड़ गया। आशिकी की कहानी आगे बढ़ी और एक दिन कुंदन के साथ नाबालिग गायब हो गई। पुलिस तक किस्सा पहुंचा और जैसे-तैसे नाबालिग सामने आई। बयान की बात आई तो नाबालिग ने कुंदन के खिलाफ कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। परिजन भी लफड़ा नहीं चाहते थे, लिहाजा मामला रफा-दफा हो गया। नाबालिग के पिता ने बताया कि भजन-कीर्तन कार्यक्रम करने वाले कुंदन को सज्जन समझते थे। घर आने-जाने के दौरान 13 दिसंबर 2024 को नाबालिग बेटी बहलाकर भगा ले गया था। रनियां थाने में रिपोर्ट लिखी गई तो 21 जनवरी को नाबालिग स्वयं थाने में हाजिर होकर कुंदन के लिए क्लीनचिट सौंप आई थी। कुछ दिन बाद 3 फरवरी को फिर कुंदन बेटी को लेकर भाग गया था।
मौत से पहले कुंदन पर दो मर्तबा एफआईआर
नाबालिग के पिता ने बताया कि, पहली गलती को भूलना गलत था। कुछ दिन बाद कुंदन और नाबालिग फिर घर छोड़कर भाग निकले। फिर खोजबीन हुई और किशोरी को बरामद किया गया, लेकिन गवाही से इंकार कायम था। चर्चा है कि, कुंदन के परिचितों ने पहली बीवी को छोड़कर नाबालिग के बालिग होने पर ब्याह का सुझाव दिया था, लेकिन वह किसी को छोड़ना नहीं चाहता था। नाबालिग के साथ भी सच्ची मोहब्बत थी, इसी कारण दो मर्तबा पुलिस स्टेशन में अपमानित होने के बावजूद, आशिकी कायम थी। कुंदन के हमले से घायल नाबालिग के पिता ने तहरीर में दावा किया कि, बिटिया के गले में चापड़ से हमला करने के बाद कुंदन ने उनके ऊपर भी तमंचे से फायर किया था, लेकिन कारतूस मिस होने की वजह से जिंदगी बच गई। अकबरपुर कोतवाली में कुंदन की मौत के बाद उसके खिलाफ हत्या के प्रयास और अवैध शस्त्र रखने की धाराओं में रिपोर्ट लिखी गई है। पोस्टमार्टम के बाद कुंदन का शव लेकर परिजन कन्नौज लौट गए।