राजस्थान में बाड़मेर के भीमड़ा गांव में गुरुवार रात 9 बजकर 10 मिनट पर वायु सेना का एक फाइटर जेट MiG-21 बायसन ट्रेनिंग विमान क्रैश हो गया। इसमें आग लग गई और मलबा करीब आधा किलोमीटर के दायरे में बिखरा गया। हादसे में विमान में सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई।
#बाड़मेर-भीमडा गांव के पास मिग हुआ क्रेश आधे किमी में बिखरा मलबा दो पायलट की मौत होने की मिल रही सूचना पुलिस प्रशासन पहुंचा मौके पर #Rajasthan #mig pic.twitter.com/rcc5a2tPZ2
— DINESH SHARMA (@medineshsharma) July 28, 2022
घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हादसे के बाद घटनास्थल पर विमान के मलबे में आग लगी हुई है। बॉडी पार्ट्स बिखरे पड़े हैं। पास ही एक मोबाइल भी टूटकर गिरा हुआ है। विमान जहां गिरा वहां 15 फीट के दायरे में बड़ा गड्ढा हो गया है। बाड़मेर में सैन्य विमान हादसे का 9 साल में यह आठवां मामला है।
वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। साथ ही, जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति शोक संवेदना जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से हादसे को लेकर बातचीत की।

बाड़मेर जिले में 9 साल में यह आठवां MiG क्रैश
- 12 फरवरी 2013: उत्तरलाई से महज 7 किमी. दूर अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 7 जून 2013: उत्तरलाई से 40 किमी. दूर सोडियार में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 15 जुलाई 2013: उत्तरलाई से 4 किमी. दूर बांदरा में मिग-27 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 27 जनवरी 2015: बाड़मेर के शिवकर रोड पर मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 10 सितंबर 2016: मालियों की ढाणी बाड़मेर में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 15 मार्च 2017: शिवकर के पास सुखोई- 30 क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 25 अगस्त 2021: मातासर भुरटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित।
- 28 जुलाई 2020: भीमड़ा गांव में मिग-21 बाइसन क्रैश।
पिछले साल दिसंबर में विंग कमांडर की हुई थी मौत
पिछले साल 24 दिसंबर को भी भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान जैसलमेर के पास क्रैश हो गया था। हादसे में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई थी। जिस जगह जेट गिरा था, वह जगह सुदासरी डेजर्ट नेशनल पार्क में है और पाकिस्तान बॉर्डर के पास है। यह एरिया आर्मी के कंट्रोल में है।
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स और टेक्नीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा।
रफ्तार 2229 किमी प्रति घंटा, लागत 177 करोड़
मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की स्पीड 2229 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी रेंज 644 किलोमीटर के आसपास थी। हालांकि भारत का बाइसन अपग्रेडेड वर्जन लगभग 1000 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसकी लंबाई 15.76 मीटर है। इसकी लागत 177 करोड़ के करीब है। बिना हथियारों के इसका वजन 5200 किलो है, जबकि हथियारों से लैस होने पर वजन करीब 8000 किलो है।