रूपईडीहा/बहराइच । सरहदी सीमा क्षेत्र रुपईडीहा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक्स-रे, ईसीजी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य कई प्रकार के चिकित्सीय उपकरण नहीं होने के कारण कस्बे सहित आसपास के गांव के लोगों को इलाज के लिए राजधानी सहित जिले के निजी अस्पतालो में इलाज के लिए जाना पड़ता है । बताते चलें कि रुपईडीहा में सिर्फ दो निजी अस्पताल है राम जानकी डिजिटल हॉस्पिटल व अल शिफा हॉस्पिटल जहां मरीज को इमरजेंसी होने पर डॉक्टरों को विजिट पर बुलाया जाता है ।
या यूं सीधे-सीधे कहा जा सकता है कि नाम तो निजी अस्पताल है लेकिन यह दोनों अस्पताल सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है ऐसे में लोगों ने मांग की है रुपईडीहा की आबादी को देखते हुए भारत नेपाल सरहदी सीमा होने के नाते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं सहित स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए । रुपईडीहा में पैथोलॉजी की बात करें तो यहां पर लाल पैथ,पैथ काइंड जैसी संस्थानों ने कस्बे में पैथोलॉजी खोल रखा है लेकिन यहां आज भी एक्सरे व अल्ट्रासाउंड के लिए लोगों को बहराइच का रुख करना पड़ता है ।