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प्रमोद कृष्णन व आजम खान की मुलाकात से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी, सपा विधायकों से संपर्क साधने में लगे हैं शिवपाल

-सपा की अंदरूनी कलह आती जा रही धरातल पर, भाजपा भी दे रही हवा

– सपा विधायकों से संपर्क साधने में लगे हैं शिवपाल यादव भी

लखनऊ । समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों से जेल में आजम खां का न मिलना और कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णन से मिल लेने से सियासी हलचल तेज हो गयी है। समाजवादी पार्टी में चल रही अंदरूनी कलह अब बाहर भी निकलने लगी है। इस बीच प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव द्वारा भी जेल में जाकर आजम खान से मिलने से अखिलेश यादव बैकफुट पर आते जा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा भी समाजवादी पार्टी के अंदुरूनी कलह को बढ़ाने के लिए जुटी गई है, जिससे आने वाले लोकसभा चुनाव तक समाजवादी पार्टी बिखर जाय। सूत्रों का कहना है कि इसी अभियान के तहत भाजपा ने शिवपाल यादव को भाजपा में शामिल नहीं किया और न ही अभी गठबंधन किया है। भाजपा ने शिवपाल यादव को अपने संगठन को बढ़ाने के लिए कहा है।

इसी अभियान के तहत आजम खां के नाराजगी को भांपकर शिवपाल यादव भी जेल में उनसे मिलने गये थे। उधर आज प्रमोद कृष्णन का शिवपाल यादव से मिलने के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गयी। हालांकि प्रमोद कृष्णन ने इसे व्यक्तिगत मुलाकात बताया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आजम खान को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए कांग्रेस ने भी डोरा डालना शुरू कर दिया है। इसी के तहत प्रमोद कृष्णन की मुलाकात आजम खान से हुई है।

इलाहाबाद विवि के पूर्व अध्यक्ष व प्रसपा नेता दिनेश यादव ने किसी गठबंधन से इंकार करते हुए कहा कि प्रसपा अब प्रदेश में अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए काम करेगी। शिवपाल यादव हमेशा जमीनी नेता रहे हैं। आज भी उनके साथ समाजवादी पार्टी के आधे से अधिक विधायक साथ हैं।

वहीं, आजम खान से मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के नजदीकी एवं कल्किधाम आश्रम के महंत आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि कि रणनीति बनाने के लिये आजम से मिलने नहीं आया था, उनके स्वास्थ्य की जानकारी व हालचाल लेने के लिये सीतापुर जेल आया। उन्होंने कहा कि आजम खां के साथ बहुत जुल्म-ज्यादती हुयी है। यूपी में सन्यासी हुकूमत ने निर्दोष के साथ जुल्म किया है।

उधर एक दिन पूर्व अखिलेश यादव से समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल आजम खां से मिलने सीतापुर गया था, जिससे मिलने से आजम खां ने इंकार कर दिया था।

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