ठूठीबारी/महराजगंज।ठूठीबारी क्षेत्र के मधवालिया वन रेंज से किशुनपुर के रिहायशी गांव में आया एक तेंदुआ तीन लोगो को घायल करने के बाद व रात्रि में शुनशान देख जंगल में निकल गया। रेस्क्यू करने प्रयास में जुटे वन विभाग की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। जिस टॉवर परिसर में तेंदुआ छिपा था, उसकी पूर्वी दीवार को तोड़ा गया। जिसके बाद आधी रात के करीब तेंदुआ टूटी दीवार के रास्ते निकला और जंगल की ओर चला गया। वन कर्मियों ने उसके पदचिह्नों के आधार पर तेंदुए को जंगल के तरफ चले जाने की पुष्टि की है। मिलीं जानकारी के मुताबिक सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के मधवालिया वन रेंज क्षेत्र से भटकर एक तेंदुआ बीते सोमवार सुबह कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत किशनपुर के आबादी वाले गांव में पहुंच गया। जिससे पूरे दिन तेंदुए का खौफ ग्रामीणों में बना रहा। तेंदुए ने घर में घुस गया और दो लोगो के ऊपर हमला कर गांव के समीप स्थित मोबाइल टावर के चारदीवारी के अंदर घुस गया।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को सुरक्षित रेस्क्यू करने प्रयास में जुटी थी इसी बीच वनकर्मी अरसद हुसैन पर भी तेंदुए ने अचानक हमला बोल दिया और वापस उसी टावर परिसर में जाकर छुप गया था। पूरे दिन तेंदुए को निकालने की काफी प्रयास होता रहा, लेकिन वह नहीं निकला। ऐसी स्थिति में गांव लोगो में अभी भी तेंदुए की आने की संभावना से दहशत का माहौल बना हुआ है। इस संबंध में रेंजर विजय श्रीवास्तव ने बताया कि तेंदुआ को रास्ता देने के लिए दीवार का एक हिस्सा गिराया गया। पिंजड़ा भी लगाया गया था। आधी रात को तेंदुआ जंगल की ओर चला गया। उसके निकलने के बाद पूरे परिसर को सर्च लाइट से खंगाला गया और उसके पदचिह्न भी जंगल की ओर जाने की पुष्टि कर रहे हैं।\
रात के अंधेरे में तेंदुआ भागा जंगल की ओर:*तेंदुआ को रिहायशी वाले गांव से सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम ने पिंजला लगाकर बाहर से एक बकरी बांध दिया गया, और जेसीबी के मदद से जंगल की ओर दीवार का हिस्सा तोड दी, ताकि तेंदुआ के निकलने पर अफरा-तफरी न मचे। वनकर्मी गांव में रात बैठे रहे। और आधी रात के करीब तेंदुआ पिंजड़े में न आकर टूटी दीवार के रास्ते निकलकर जंगल की ओर चला गया।*बीते वर्ष भी तेंदुए की आमद गांव में हुई:*किशनपुर गांव के लोगो ने बताया कि इसके पहले भी तेंदुआ तीन बार जंगल से आबादी गांव में आ चुका है।
17 मार्च 2020 को तेंदुए आया और एक व्यक्ति ऊपर हमला कर उसे घायल कर दिया था। 24 मार्च 2020 को तेंदुए को देख गांव के बच्चो ने सोर मचाया था। फिर 28 अप्रैल 2020 को गांव के समीप सायफन में दिखा था जिसके बाद तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम ने उक्त स्थान पर पिंजड़ा लगाया था।