भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब सिर्फ सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह कूटनीतिक, जल नीति और सुरक्षा के तमाम आयामों तक फैल गया है.जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमलों, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाबी एक्शन और भारत द्वारा सिंधु जल संधि को लेकर सख्त रुख अपनाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तल्खी खुलकर सामने आ गई है. भारत ने अब स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी नापाक हरकत का जवाब सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से दिया जाएगा.
सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है, वहीं आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को भी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तान की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ दिया, जिससे उनके कई इलाके जलमग्न हो गए.
‘पाक’ का दावा
वीडियो में दिख रहा है कि भारी पानी के बहाव में कई गाड़ियां बहती हुई नजर आ रही हैं और कुछ स्थानीय लोग किनारे खड़े होकर इसे देख रहे हैं. हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स और पत्रकार इसे एकतरफा जल-नीति उल्लंघन बता रहे हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा तनावपूर्ण हालात में जल छोड़ने का यह कदम रणनीतिक दबाव बनाने का हिस्सा भी हो सकता है.
No prior information being shared with Pakistanis before releasing water.
Sorting them out well and proper. #OperationSindhoor pic.twitter.com/qnko8InsDO
— महावीर जैन, ಮಹಾವೀರ ಜೈನ, Mahaveer Jain (@Mahaveer_VJ) May 8, 2025
पाकिस्तान को बाढ़ का खतरा
बगलिहार और सलाल दोनों डैम चिनाब नदी पर बने अहम हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट हैं. पहले भी ये दोनों बांध भारत-पाक के बीच विवादों का कारण रहे हैं. भारत द्वारा जल रोके जाने से कुछ दिन पहले तक पाकिस्तान के हिस्से में जाने वाला पानी कम हो गया था और चिनाब नदी का जलस्तर 30 फीट से घटकर 3 फीट तक आ गया था. लेकिन अब अचानक 28000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पाकिस्तान को बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. स्थानीय पाकिस्तानी प्रशासन ने कई इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है.
सिंधु जल संधि
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी, जिसमें पूर्वी नदियों का नियंत्रण भारत और पश्चिमी नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान को सौंपा गया था. लेकिन अब भारत ने इस संधि को निलंबित कर पाकिस्तान को पानी देने से इनकार कर दिया है. जानकारों का कहना है कि भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान की खेती, बिजली और पीने के पानी की व्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा. वहां खाद्य संकट गहरा सकता है और आंतरिक अशांति भी बढ़ सकती है. ऐसे में भारत का यह ‘जल प्रहार’ पाकिस्तान के लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों स्तर पर बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.