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चित्रकूट में अवैध गुटखा फैक्ट्री का भंडाफोड़, 50 लाख की सामग्री बरामद

चित्रकूट में अवैध गुटखा फैक्ट्री का भंडाफोड़, 50 लाख की सामग्री बरामद

-फैक्ट्री मालिक जुगराज केशरवानी समेत दो गिरफ्तार, गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

चित्रकूट  (हि.स.)। प्रतिबंधित गुटका के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में यूपी की चित्रकूट पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला के निर्देश पर एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी की देखरेख में सीओ लाइन निष्ठा उपाध्याय व सीओ सिटी हर्ष पाण्डेय की अगुवाई में पांच विशेष टीमों ने राजापुर कस्बे में अवैध ढंग से चल रही नकली गुटखा फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है।

पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर मौके से भारी मात्रा में सुपाड़ी (कटी व खड़ी), तम्बाकू, कैमिकल, पिपरमेन्ट, लौंग, इलायची, माउथ फ्रेशनर व अन्य सहायक सामग्री, पैकिंग सामग्री नकली ब्राण्ड के, इलेक्ट्रिक बाट, पैकिंग हीटर, ओबन मशीन, पांच गुटखा मिश्रण बनाने की मशीनें आदि बरामद किया है।

गुरुवार को पुलिस को अवैध गुटखा फैक्ट्री चलने की सूचना मिली। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एएसपी की देखरेख में सीओ निष्ठा उपाध्याय व सीओ सिटी हर्ष पांडेय की अगुवाई में पांच टीमों का गठन किया। टीमों ने एक ही समय में पांच स्थानों पर छापेमारी कर तीन स्थानों पर अवैध गुटखा फैक्ट्रियां चलती पायी। फैक्ट्री चलाने वाले जुगराज केशरवानी पुत्र स्व महादेव निवासी स्मारक रोड राजापुर, देवकुमार यादव पुत्र परमेश्वर दयाल यादव निवासी भभेंट राजापुर को दबोच लिया। फैक्ट्री जुगराज केशरवानी के निजी घर में तथा दो फैक्ट्रियां किराये के घर में चलती मिली।

मौके से भारी मात्रा में विभिन्न ब्राण्ड के नकली गुटखा रैपर व कैमिकल बरामद हुए। इन फैक्ट्रियों में मिलावटी गुटखा तैयार किया जा रहा था, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। छापेमारी के बाद जीएसटी एवं खाद्य सुरक्षा टीमों को बुलाकर विधिक कार्यवाही को कहा।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 272, 273 आईपीसी व 59 खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम, कॉपी राइट एक्ट व ट्रेड मार्क अधिनियम दर्ज किया। गुटखा बनाने की पांच मशीने, सात क्विटंल सुपाड़ी, 75 क्विंटल कटी सुगाड़ी, तम्बाकू 270 किग्रा, 40 किग्रा लौंग, इलायची 900 किग्रा, 20 किग्रा अपमिश्रित तम्बाकू सुपाड़ी आदि केमिकल बरामद किया। बरामद सामग्री की 35 लाख रूपये कीमत आंकी गई है। बरामद मशीनें, जनरेटर आदि उपकरण की लागत 50 लाख रूपये है।

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