एक बार फिर से दुनियाभर में कोरोना महामारी ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। चीन और यूरोप में जिस तरह से मामले बढ़ रहे उसने दुनियाभर की चिंताएं बढ़ा दी हैं। चीन में दो सालों बाद कोरोना के मामलों में ऐसे उछाल देखने को मिला है जिस कारण उसे दो बड़े शहरों में लॉकडाउन तक लगाना पड़ा है। लॉकडाउन के कारण करीब 3 करोड़ लोग अपने घरों में बंद हैं। वहीं, यूरोपीय देशों के अस्पतालों में कोरोना के मरीजों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। दुनियाभर में देखें तो एक्टिव केस 6.08 करोड़ हो गए हैं। वहीं, कोरोना से 60.06 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन के तीन बड़े शहरों में लॉकडाउन
रविवार को चीन में कोरोना के 3 हजार 400 नए मामले सामने आए थे। ऐसे में यहाँ की सरकार सख्त एक्शन ले रही है। सोमवार को चीन की जिनपिंग सरकार ने दक्षिणी चीन के तकनीकी हब शेनजेन में सख्त लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर कर दिया। यहाँ एक दिन में ही 66 लोग संक्रमित मिले थे। इससे पहले शुक्रवार को जिलीन प्रांत की राजधानी चांगचुन में लॉकडाउन लगाया गया था। शांडोंग प्रांत के युचेंग में भी लॉकडाउन के आदेश दिए गए हैं। कुल मिलाकर देखें तो तीन शहरों के लगभग 3 करोड़ से अधिक लोग अपने घरों में बंद हो गए हैं।
यूरोप में भरे अस्पताल
वहीं, बीते सप्ताह को देखें तो ब्रिटेन, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और इटली जैसे देशों में रिपोर्ट किए गए कोरोना के मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में उछाल देखने को मिला है। एरिक टोपोल, एमडी, स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक ने ट्वीट किया, ‘यूरोप में अगली लहर शुरू हो गई है.’यूरोप में कोरोना से जुड़े नियमों में हाल ही में थोड़ी छूट दी गई थी पर यहाँ एक बार फिर से मामले बढ़ने लगे हैं। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।
दुनियाभर में कुल 6 करोड़ एक्टिव केस
बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना वायरस के 45.85 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 39.16 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में दुनियाभर में कोरोना के एक्टिव मामले 6 करोड़ पहुँच गए हैं।