जूस के कारोबारी भी हजारों की संख्या मे पहुँच रहे बड़े महानगर
…..अब मतदाता सूची मे “का” “बा”….! कैसे करेगे मतदान ?
जरवल/बहराइच। यूपी में 2022 का विधान सभा चुनाव में भी लग रहा “खेला होइगा” जानकारों की माने तो कैसरगंज का पच्चीस से तीस हजार मुस्लिम मतदाता खाड़ी देशो में रह कर रोजी-रोटी के लिए वहाँ रह रहा हैं। जो चाहते हुए भी वोट डालने से वंचित रह जावेगा। तो दूसरी तरफ जूस के सीजन को लेकर हर रोज कैसरगंज की विधान सभा से डेढ़ से दो हजार के करीब मुस्लिम मतदाता बड़े महानगरों में जूस के कारोबार के लिए यहाँ से कूँच भी कर रहा है।
जो गैर भाजपा के प्रत्याशियो के लिए “खतरे की घंटी” से कम। वैसे मुम्बई, गुजरात, दिल्ली, आदि स्थानों मे रह रहा लेवर तबका वापस भी आना शुरू हो चुका है जो प्रत्याशियो के लिए कुछ राहत भरी खबर भी है। अब बाहर रह रहे मुस्लिम वोटरों की भरपाई सपा, बसपा, एआईएमआई जैसी पार्टियों के प्रत्याशी बचे वोटरों को कैसे अपने पाले मे कर पावेगे ये उन पर ही निर्भर करता है। वैसे जानकार बता रहे हैं। कि इस बार वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण मे भी “खेला होइगा”जिसे लोग हलके मे लेते रहे वोटर न तो समय रहते वोटर लिस्ट मे नाम देख सका न किसका नाम है कहा नाम है भी की नही कुछ जान नही पाए अब लोग बेवजह इसका रोना रोते दिखाई दे रहे हैं इसका भी खामियाजा भुगत सकते है प्रत्याशी और वोट पोल भी कम हो सकता है।
नोटा के बटन दाबने का मन बना रहे हैं मतदाता
जरवल : इस बार अपने मनपसंद प्रत्याशियो को मैदान मे न पाकर तमाम मतदाता नोटा के बटन को दबा कर अपने गुस्से का इजहार करना भी चाहता है तमाम वोटरो ने मीडिया से नाम न छापने का अनुरोध करके कहा भैया नाम न छापना हम सब नोटा का बटन दबा कर अपने गुस्से का इजहार करेगे।
जरवल : जानकारों को माने तो कैसरगंज का मुस्लिम मतदाता जुमे को अपना निर्णायक फैसला यहाँ तय करेगा इस बार जो भी दल कमल खिलने से रोक पावेगा उसे ही अपना प्रत्याशी चुनेगे जिसकी गुपचुप तैयारी भी शुरू हो चुकी है।वैसे ऊँट किस करवट बैठे के लिए भाजपा को छोड़ सपा बसपा तथा एआईएमआई के प्रत्याशियो को इस बात को लेकर परेशानी मे कम नही डाले है।जिसके लिए मुस्लिम वोटरों पर लोगो की लगी हुई है।