केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (शनिवार) को अपना लगातार आठवां बजट(Budget 2025) पेश कर रही हैं, जो मोदी सरकार की विकास यात्रा को नई गति देने वाला साबित हो सकता है। उन्होंने साफ़ किया कि यह बजट सिर्फ़ आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक ठोस कदम है। सरकार की प्राथमिकता समावेशी विकास को सुनिश्चित करना और निजी निवेश को बढ़ावा देना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिले।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री धनधान्य योजना की घोषणा कर किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार इसे राज्यों के साथ मिलकर लागू करेगी, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार का यह कदम किसानों की आर्थिक मजबूती और कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में अहम साबित होगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने साफ किया कि गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। इस योजना से खेती को नए संसाधन मिलेंगे, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं
प्रधानमंत्री धनधान्य योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस पहल के तहत बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, निःशुल्क उर्वरक, और आधुनिक कृषि उपकरणों पर सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि खेती अधिक लाभदायक और टिकाऊ बन सके।
इसके अलावा, तकनीकी प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी इस योजना का अहम हिस्सा हैं, जिससे किसान नई तकनीकों को अपनाकर अपनी उपज को कई गुना बढ़ा सकें। खासतौर पर, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे और मध्यम किसान भी बिना किसी आर्थिक बाधा के अपने खेतों में निवेश कर सकेंगे।
सरकार की यह पहल सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना न सिर्फ उनकी आजीविका को मजबूत करेगी, बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।