नई दिल्ली । जैसे ही गर्मियों का मौसम दस्तक देता है, तेज धूप और बढ़ते तापमान का सबसे पहला असर हमारी त्वचा पर ही पड़ता है। टैनिंग, सनबर्न और रैशेज जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, जिन्हें अक्सर लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि यही लक्षण त्वचा कैंसर (स्किन कैंसर) की शुरुआती चेतावनी भी हो सकते हैं?
भारत में स्किन कैंसर के मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं, और इसकी सबसे बड़ी चुनौती है—लक्षणों की समय पर पहचान ना होना। आइए जानते हैं गर्मियों के दौरान त्वचा में दिखने वाले किन संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए-
- त्वचा पर नया मस्सा बनना या मौजूदा मस्से में बदलाव आना
- गुलाबी, लाल, भूरे या काले रंग का कोई चपटा धब्बा या उठी हुई सतह
- घाव जो ठीक न हो, बार-बार हो जाए या पपड़ीदार और खून बहने वाला हो
- तिल का आकार, रंग या बनावट बदलना
- तिल में दर्द, खुजली या रक्तस्राव
- त्वचा पर असामान्य रूप से कोई गांठ या दाग बनना
- त्वचा का रंग असमान हो जाना
- छाले जो सामान्य से अलग दिखें
- कान, गर्दन या निजी अंगों के पास त्वचा में बदलाव
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि स्किन कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर दर्दरहित होते हैं, इसलिए इन्हें केवल नज़रअंदाज़ करना खतरे को न्योता देना हो सकता है। अक्सर सवाल किया जाता है कि आखिर किन लोगों को स्किन कैंसर का ज्यादा खतरा होता है? तो बता दें कि धूप में अधिक समय बिताने वाले लोग, टैनिंग लैंप या कृत्रिम टैनिंग का इस्तेमाल करने वाले, जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो और ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर या एटॉपिक डर्मेटाइटिस जैसी गंभीर त्वचा समस्याओं वाले, जिनके परिवार में स्किन कैंसर का इतिहास रहा हो।
सावधानी में ही है बचाव
गर्मी अधिक होने और सूर्य की किरणें जब त्वचा को जलाने जैसा महसूस कराने लगें तो धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाएं, हल्के और ढके हुए कपड़े पहनें, धूप में ज़्यादा देर न रुकें, खासकर दोपहर के समय। इसी के साथ किसी भी संदिग्ध त्वचा परिवर्तन को हल्के में न लें और तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। ध्यान रहे गर्मियों में धूप से झुलसी त्वचा सिर्फ एक सौंदर्य समस्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से गंभीर संकेत भी हो सकती है। इसलिए त्वचा संबंधी कोई भी परेशानी को समय रहते चिकित्सक को दिखाएं और सलाह लेते हुए सही इलाज करवाएं।