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ऑनलाइन सट्टेबाजी और नशा का खेल, जानिए कैसे साहिल-मुस्कान ने कैसे तैयार किया जुर्म का किला?

बड़े सपने, प्यार की कसमें और मौज-मस्ती की चाहत ने साहिल और मुस्कान को एक ऐसे जुर्म की ओर धकेल दिया, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी. सौरभ की हत्या करने के बाद, अब जब नशे का असर खत्म हो रहा है, तो उन्हें अपने अंजाम का अहसास होने लगा है. जेल में गहरे सदमे और डर के बीच वे कानून से मदद मांग रहे हैं, लेकिन उनकी दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है.

रविवार को जेल अधीक्षक से मुलाकात के दौरान दोनों फूट-फूटकर रो पड़े. परिवार ने उनसे नाता तोड़ लिया है, कोई साथ देने को तैयार नहीं. ऐसे में उन्होंने कानूनी सहायता की मांग की, जिस पर जेल प्रशासन ने उनके अनुरोध को जिला विधिक प्राधिकरण को भेज दिया. लेकिन जिस वहशियाना तरीके से उन्होंने सौरभ की हत्या की, उससे जेल के अन्य कैदी भी उनके खिलाफ गुस्से में हैं.

दोनों हैं नशे के आदी

जेल प्रशासन ने पाया कि दोनों नशे के आदी हैं. साहिल चरस और अन्य ड्रग्स लेता था, जबकि मुस्कान इंजेक्शन से नशा करती थी. उनकी गिरफ्तारी के बाद से नशा न मिलने की वजह से उनकी हालत बिगड़ने लगी, जिससे उन्हें जेल के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया. अब, वे एक-दूसरे से दूर हैं, लेकिन उनके किए का अंजाम उनके सामने है.

ऑनलाइन सट्टेबाजी और ऐशो-आराम

जांच में सामने आया कि साहिल का जुड़ाव ऑनलाइन सट्टेबाजी से भी था. वह सट्टेबाजी में पैसे लगाता था और कभी 50 हजार, कभी 25 हजार तक जीतता था. ये पैसे वह मुस्कान को भेजता, और दोनों मिलकर ऐश करते थे. लेकिन यह शौक ज्यादा दिन नहीं टिके, क्योंकि जो पैसा सौरभ भेजता था, वह चंद दिनों में खत्म हो जाता था. उसने जो पैसा जीता था, वह कथित तौर पर मुस्कान के साथ ऋषिकेश और देहरादून की अपनी यात्राओं पर खर्च किया था. साहिल नियमित नौकरी नहीं करता था और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह जुए की कमाई पर निर्भर था. जानकारी के अनुसार, सौरभ लंदन में काम करने के दौरान मुस्कान को हर महीने करीब ₹1 लाख भेजता था. मुस्कान यह जानकारी साहिल को देती, जो उस पैसे को आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाने में खर्च करता था. हत्या से पहले भी सौरभ ने ₹1 लाख ट्रांसफर किए थे.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उगले खौफनाक सच

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हत्या की भयावहता को उजागर कर दिया. सौरभ के सीने पर तीन चाकू के घाव मिले, जो उसके दिल के करीब थे. उसकी गर्दन, हाथ और पंजे किसी धारदार हथियार से काटे गए थे. हालांकि, जांच में यह साफ हुआ कि उसे कोई बेहोशी की दवा नहीं दी गई थी, बल्कि उसने शराब पी रखी थी. डॉक्टरों के अनुसार, दिल के पास किए गए वार ही मौत की असली वजह बने.

सुबूतों से छेड़छाड़ का शक

हत्या के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे. सौरभ के कमरे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे स्पष्ट हुआ कि पुलिस ने कमरे को ठीक से सील नहीं किया था. इस लापरवाही पर एसएसपी ने नाराजगी जताई और इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए. अधिकारियों का मानना है कि इस लापरवाही से आरोपियों को फायदा मिल सकता है.

हिमाचल तक पहुंची जांच

साहिल और मुस्कान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन जगहों की जांच शुरू कर दी, जहां वे छिपे थे. मेरठ पुलिस हिमाचल के शिमला, मनाली और कसोल में होटल, रेस्टोरेंट और कमरों की तलाशी ले रही है. वहां से सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान जुटाए जा रहे हैं, ताकि कोर्ट में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए जा सकें और उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके.

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