डॉलर के सापेक्ष सबसे निचले स्तर पर पहुंची रुपये की कीमत
पेट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सरसों तेल, रिफाइंड आदि का बजट बिगड़ना तय
महोली-सीतापुर। डॉलर के मुकाबले रुपया इस वक्त सबसे निचले पायदान पर है। अब एक डॉलर की कीमत 80 रुपये है। भारत एक्सपोर्ट के सापेक्ष अधिक इम्पोर्ट करने वाला देश है। मतलब स्प्ष्ट है अब ऐसी तमाम वस्तुएं हैं जो विदेशों से आयात होती हैं। उनके दाम में अचानक उछाल देखने को मिलेगा। खासकर पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्य तेल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि महंगे हो जाएंगे। महंगाई बढ़ने से रसोई का संतुलन बिगड़ जाएगा। वहीं आम आदमी के सामने घनघोर समस्या खड़ी होने वाली है। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से आयात की जाने वस्तुएं बढ़ी हुई कीमत में मिलेगी।
जाहिर है ऐसे में घरेलू स्तर पर ऐसी वस्तुओं के मूल्यों में इजाफा होना तय हैं। अब घरेलू स्तर पर खाद्य तेल से निर्मित वस्तुएं का मूल्य बढेगा। वहीं पेट्रोल, डीजल आदि के दामों में उछाल आएगा। पेट्रोल-डीजल में इजाफे का सीधा असर ट्रांसपोर्टिंग पर पड़ेगा। जिससे लगभग सभी वस्तुएं महंगी होगी। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में खासकर मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि के दामों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। अब बच्चों को विदेशों में पढ़ाना आसान नही होगा
। वहीं पहले से विदेश में अध्ययन कर रहे बच्चों के अभिभावकों का बजट बिगड़ जाएगा। आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था पर खासा फर्क पड़ेगा। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घटेगा। आने वाले वक्त में महंगाई चरम पर होगी। ऐसे में सबसे ज्यादा आम आदमी प्रभावित होगा। अब देखना यह है ऐसी विषमताओं से निपटने के लिए सरकार क्या योजना तैयार करती है। आम आदमी पहले से महंगाई का दंश झेल रहा है। आगे स्थितियां और भी भयावह होने वाली हैं।