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उप्र. में गंगा-यमुना का बहाव खतरे से ऊपर, 245 गांव बाढ़ से प्रभावित, पढ़े पूरी रिपोर्ट

लखनऊ  (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में 14 जिलों के 245 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। फर्रूखाबद एवं बदायूं में गंगा नदी और मथुरा में यमुना खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं।

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में एक जून से अब तक 295.2 मिमी. औसत वर्षा हुई, जो सामान्य वर्षा 350.9 मिमी. के सापेक्ष 84 प्रतिशत है।

वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि वर्तमान में प्रदेश के सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं। कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। एनडीआरएफ तीन, एसडीआरएफ-दो एवं पीएसी-सात की कुल 12 रेस्क्यू टीमें कार्यरत हैं।

उन्होंने बताया कि अब तक कुल 24285 ड्राई राशन किट, 137689 लंच पैकेट तथा साथ ही 2415 डिगनिटी किट भी वितरित किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 909 बाढ़ शरणालय, 418 पशु शिविर बनाए गए हैं। पशु शिविरों में चारे आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। 1442034 पशु टीकाकरण, 717 -बाढ़ चौकियां, 641 -मेडिकल टीम स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्त 244 नावों को भी बचाव राहत कार्यों के उपयोग में लाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 2775 गौशालाओं के 4,61,778 जानवरों एवं अन्य जानवरों के लिए भी पर्याप्त चारे की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के समस्त संवेदनशील जनपदों में कुल 2741 जगहों पर राहत चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

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