इंदौर की जिला जेल में बंद पायल सैमुअल उर्फ हसीना पहली ऐसी महिला कैदी है, जिसके पास मोबाइल मिला है। इस मामले में जांच रिपोर्ट सोमवार को मिल सकती है। इसमें तय होगा कि जेल प्रशासन जेल के किन अफसरों-कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। बताया जा रहा है कि पायल का जेल में मोबाइल बुलवाने और बात करने का सिलसिला बदस्तूर जारी था। इसमें एक और नई कहानी सामने आ रही है। दरअसल, भय्यू महाराज सुसाइड केस में जिला जेल में बंद आरोपी पलक (केयर टेकर) से ठग हसीना उर्फ पायल का विवाद हुआ था। इसी के बाद पायल का राज सबके सामने आ गया।
जेल सूत्रों के मुताबिक कैदी पलक अब जेल में लेडी डॉन की तरह रहने लगी है। नए कैदियों से मारपीट और दबाव बनाती है। उसी ने महिला सेल प्रभारी श्वेता मीणा से कहा था कि वह मोबाइल यूज कर रही कैदी पायल से और अधिक रुपए मांगे। लेकिन जब पायल ने ऐसा करने से मना कर दिया तो श्वेता ने पायल से मोबाइल जब्त कर लिया। और इसे जेल के ही अफसरों को सौंप दिया। बताया तो यह भी जा रहा है कि जेल प्रशासन ने दो दिन तक मामले को अंदर ही दबाए रखा।

कैसे बदले जेल के समीकरण
भय्यू महाराज सुसाइड केस में जांच के बाद पुलिस की पकड़ में आई पलक को पहले जेल रास नहीं आ रही थी। लेकिन धीरे-धीरे उसने सभी महिला कैदियों के साथ पैठ बना ली और अधिकारियों की खास बन गई। यहां वह मैटरन और सेल प्रभारी के मुताबिक पूरा काम करने लगी। लेकिन इस बीच जेल में पायल ने भी अफसरों-कर्मचारियों में जगह बना ली। इसके बाद जिला जेल में पलक और पायल की दो गैंग आमने-सामने आ गई। जेल में दोनों ही महिला कैदियों के अपने समर्थक थे।
फिर दोनों के बीच हुई लड़ाई
जिला जेल में बंद पायल उर्फ हसीना सैमुअल और पलक पुराणिक के बीच खींचतान का अधिकारी फायदा उठा रहे थे। छह माह पहले जब पायल जेल में पहुंची तो उसका प्रभाव कम करने के लिए अफसरों ने पलक पुराणिक को ही आगे किया। इसके चलते यहां दोनों विवाद करने लगीं। इसके चलते पायल ने जेल में ही पलक की पिटाई कर दी। यहीं से दोनो की बीच खींचतान और बढ़ गई। हालांकि जेल के अधिकारियों ने उनका समझौता करा दिया। इसके बाद जेल में अधिकारियों का एक गुट पायल को सपोर्ट करने लगा। वह भी अधिकारियों को महिला कैदियों से दबाव बनाकर काम करवा रही थी।

2018 से जेल में थी बंद, सजा के बाद बनी सीएमओ
पलक जब विचारधीन कैदी थी तो शुरूआत में उसे जेल रास नहीं आ रही थी। लेकिन धीरे-धीरे उसने जेल में अपनी पहचान बना ली। हनी ट्रेप मामले में फंसी श्वेता ओर आरती से भी उसकी गहरी दोस्ती थी। कई छोटी महिला कैदियों से वह मारपीट भी करती थी। पलक को जब सात माह पहले सजा हुई तो उसे महिला सीएमओ बनाया गया। जिसके बाद वह नई महिला कैदियों पर सीधा दबाव बनाने लगी।
फर्राटेदार इग्लिश और बोल्ड फैशन ने पछाड़ा पलक को
पलक के साथ जेल महिला सेल प्रभारी श्वेता मीणा और अर्चना चौहान की टीम थी लेकिन कैदी पायल इनके बजाय, सीधे बड़े अधिकारियों से बात करती थी। बताया जाता है वह काफी फर्राटेदार इंग्लिश बोलती है इसलिये अधिकारी भी उससे इम्प्रेस थे। बताया जाता है कि यह मोबाइल भी उसे इसी रौब के चलते मिला था। जेल सूत्र बता रहे हैं कि पायल जेल में बैठकर ही महिला कैदियों के परिचितों से सामान बुलवाती थी।