Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / इंतजार की घड़ियां खत्म, जल्द शुरू होगा नियमित यूरिया का उत्पादन

इंतजार की घड़ियां खत्म, जल्द शुरू होगा नियमित यूरिया का उत्पादन

गोरखपुर । खाद कारखाने से पूर्वांचल के किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में नई क्रांति हुई । 20 दिन के भीतर हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाने से नियमित यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा।कारखाने में अभी तक रेल लाइन का कार्य पूरा नही होने की वजह से फिलहाल, ट्रकों से ही यूरिया की सप्लाई होगी। रोजाना 500 से 600 ट्रक कारखाने से निकलेंगे। शुरूआत में रोजाना करीब 2600 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। कुछ समय बाद इसकी क्षमता बढ़ाकर 3850 मीट्रिक टन कर दी जाएगी।8600 करोड़ की लागत से तैयार खाद कारखाने का बीते सात दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकार्पण किया था। इस मौके पर पहले दिन 500 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन भी हुआ था। तभी से प्लांट ट्रायल रन पर है। जापान और स्थानीय इंजीनियरों की देखरेख में प्लांट की मशीनों की सफाई और जांच का काम चल रहा है, जो अब तकरीबन पूरा हो चुका है।

एचयूआरएल के अफसरों के मुताबिक, जल्द ही प्लांट में यूरिया का नियमित उत्पादन शुरू हो जाएगा।उनका कहना है कि उत्पादन शुरू होने के बाद नियमित उत्पादन को रोका नहीं जा सकता है। कम से कम 60 फीसदी क्षमता से यूरिया का उत्पादन करना ही होगा। पूरी क्षमता होने पर नये यूरिया प्लांट में प्रतिदिन 2200 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया बनेगी। कारखाने की वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। इस प्लांट से यूरिया उत्पादन लागत लगभग 28,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन आएगी।एचयूआरएल के अधिकारियों के मुताबिक, यूरिया के आकार को लेकर देश में जो मानक तय हैं उसके मुताबिक, यूरिया के दाने 0.3 एमएम से अधिक नहीं होने चाहिए।

गोरखपुर खाद कारखाने का प्रिलिंग टॉवर दुनिया के सभी खाद कारखानों की तुलना में सबसे ऊंचा होने का लाभ मिलेगा। यहां 0.2 एमएम के दाने बनेंगे। दानों का आकार छोटा होने की वजह से खेतों की मिट्टी पर पड़ते ही ये तुरंत घुल जाएंगे, जिसका असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। खाद कारखाने में तैयार यूरिया 45 किलोग्राम की बोरी में बिकेगी। एक बोरी यूरिया की कीमत 266.50 रुपये होगी। कोरियन तकनीक से करीब 30 करोड़ की लागत से रबर डैम तैयार हुआ है। यह डैम प्लांट को पानी की जरूरत पर फेफड़े की तरह फूलेगा और पिचकेगा। यह डैम, प्लांट को 1450 क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत को पूरा करेगा। पानी की उपलब्धता को लेकर चिलुआताल की ड्रेजिंग की गई है।

Check Also

नेशन फर्स्ट के भाव से काम करें चार्टेड अकाउंटेंट, 10 साल में भारत बनेगा विकसित राष्ट्र : योगी

– सीएम योगी ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ...