नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ग्रेटर नोएडा के प्रस्तावित टाउनशिप में व्यावसायिक और आवासीय इकाइयों के आवंटन का झांसा देकर निवेशकों से साढ़े पांच सौ करोड़ों की ठगी करने वाले दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है। एएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दोनों निदेशक धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा करार थे। आरोपितों पर तीन हजार निवेशकों से 543 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर जांच कर रही है।
आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मॉडल टाउन निवासी आशीष गुप्ता और करोलबाग निवासी कपिल कुमार के रूप में हुई है। वर्ष 2015 में पूठकलां निवासी सूर्य सौलंकी ने शाखा में धोखाधड़ी और ठगी की शिकायत की। जिसमें उसने बताया कि एएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशकों ने उन्हें ग्रेटर नोएडा, यूपी में स्थित आईटी परियोजना में इकाइयों के आवंटन के लिए निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
वर्ष 2006 से 2009 के बीच शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों ने 93.12 लाख रुपये का निवेश किया। कंपनी ने निवेशकों के निवेश पर उन्हें 12 फीसदी सुनिश्चित रिटर्न देने का आश्वासन भी दिया। निवेशकों से पैसे मिलने के बाद आरोपितों ने परियोजना को बंद कर फरार हो गए।
शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि आरोपितों ने करीब तीन हजार निवेशकों से 543 करोड़ की ठगी की है। गिरफ्तार आरोपितों ने अपने साथियों के साथ मिलकर निवेशकों को परियोजना में निवेश करने के लिए प्रेरित किया और अपने परियोजना के भविष्य के लिए उन्हें सुनहरे सपने दिखाए। पुलिस कंपनी के बैंक खातों की जांच की और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से दस्तावेज एकत्र किए।
कंपनी के दस्तावेजों से पता चला कि गिरफ्तार आरोपित अपराध करने के दौरान कंपनी के शेयर धारक और निदेशक थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद से दोनों आरोपित फरार थे। इस मामले में निचली कोर्ट से उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपितों ने सर्वोच्च न्यायालय तक याचिका दायर की,लेकिन उनकी याचिकाओं को सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दिल्ली से आरोपितों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि आशीष गुप्ता कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक था और कंपनी में उनकी 12.5 फीसदी हिस्सेदारी थी। उसका जन्म और पढ़ाई दिल्ली में हुआ है। वह स्नातक द्वितीय वर्ष तक की पढ़ाई की है। उसके पिता निर्माण व्यवसाय से जुड़े थे। अपने पिता के साथ वह निर्माण व्यवसाय से जुड़ गया। वहीं कपिल कुमार मणिपाल विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई किया था लेकिन वह कोर्स पूरा नहीं कर पाया। उसने गारमेंट कारोबार में अपना हाथ आजमाया। बाद में निर्माण व्यवसाय से जुड़ गया।