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अलर्ट : पछुआ हवाओं के आने से कार्डियोलॉजी में बढ़ने लगे हृदय के मरीज, जानें क्या है. …

कानपुर, । पहाड़ों पर भले ही अभी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं है लेकिन पछुआ हवाएं गंगा के मैदानी एरिया में आना शुरू हो गई है। ऐसे में ठंड के बढ़ते ही हार्ट और सांस के मरीजों की समस्या भी बढ़ने लगी है। इसका असर कार्डियोलॉजी और मेडिसिन विभाग में शुक्रवार को देखने को मिला। यही हाल हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भी देखने को मिला। हालांकि मौसम के बदलाव को देखते हुए इन अस्पतालों में तैयारी पूरी कर बेड भी आरक्षित कर लिए गए हैं।

जीटी रोड स्थित हृदय रोग संस्थान कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि अब मौसम में बदलाव होने लगा है और सर्द हवाओं के चलने से हृदय के रोगियों को दिक्कत आना स्वाभाविक है। इसको देखते हुए अस्पताल में पूरी तैयारी कर ली गई है। पिछले दो दिनों से अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आने वाली ठंड को देखते हुए पूरे स्टाफ को तत्परता से तैयार रहने को कहा गया है। फिलहाल अभी सर्दी कम है। इन दिनों वही मरीज आ रहे हैं जो ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को खून पतला करने की दवा बंद कर दी गई है। कुछ मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनको पता ही नहीं कि उन्हें ब्लड प्रेशर की शिकायत है।

उन्हाेंने बताया कि ओपीडी और इमरजेंसी दोनों में मरीज बढ़े हैं। गंभीर हालत वाले रोगियों को भर्ती कर लिया जा रहा है। उन्होंने मरीजों से भी अपील की कि दवा लेने में लापरवाही न करें। यह लापरवाही सर्दी के दिनों में खतरनाक साबित हो सकती है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि आने वाले दिनों में हृदय के रोगियों की संख्या में इजाफा होगा। जलवायु परिवर्तन या अन्य कारणों से अब यह देखा जा रहा है कि हृदय रोग से पीड़ित युवाओं की भी काफी संख्या बढ़ रही है। पिछले वर्ष के मुताबिक युवाओं की संख्या 40 फ़ीसदी रही वहीं 60 फ़ीसदी ऐसे रोगी रहे जो 50 वर्ष से ऊपर की उम्र के थे। हृदय के रोगियों को सलाह दी जाती है कि दवा बिल्कुल बंद न करें। दवा बंद करने से उनको धोखा हो सकता है। वहीं, मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर आलोक वर्मा ने बताया की सर्दी बढ़ने के साथ ही ब्रेन अटैक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अस्पताल में बेड सुरक्षित कर लिए गए हैं। यहां पर न्यूरो वार्ड में 60 बेड है। थक्का गलाने वाली दवा कनेक्टीप्लेज को भी मंगवा लिया गया है।

उन्होंने ब्रेन स्ट्रोक के रोगियों के परिजनों से अपील की कि समय रहते अस्पताल पहुंचे, ताकि जीवन को बचाया जा सके। कानपुर में ठंड के बढ़ते ही कार्डियोलॉजी में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है। हॉस्पिटल मे बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। निदेशक डॉक्टर राकेश वर्मा ने मरीजों को बचाव के उपाय बताए हैं। उनके मुताबिक, ठंड में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसके चलते धमनियों में रक्त का थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि इस दौरान हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मामले ज्यादा आते हैं। तुरंत उपचार न मिलने पर ऐसे मामलों में मरीज की मौत भी हो सकती है। अगले कुछ दिनों तक लोगों को बहुत एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

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