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अब कौन सा कार्ड खोलेगा विपक्ष? I-N-D-I-A को टूटने से बचाना भी बड़ी चुनौती

Assembly Election Results: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बंपर जीत मिली। इन राज्यों में कांग्रेस का ओबीसी और जाति जनगणना कार्ड भी फेल हो गया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि बीजेपी को हराने के लिए I-N-D-I-A गठबंधन अब कौन-सा पैंतरा चलेगी?

ओबीसी कार्ड फेल
राहुल गांधी हर सभा में कहते रहे कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसको उतनी जिम्मेदारी। कांग्रेस ने हर मंच से दावा किया कि सरकार बनी तो ओबीसी आरक्षण को तवज्जो देंगे। निशाने पर ओबीसी वोट बैंक था लेकिन नतीजे बता रहे हैं कि कार्ड फेल हो गया। मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी है। लुभाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी। यही कारण है कि कांग्रेस ने लगभग 27 प्रतिशत यानी कि 60 के करीब इस वर्ग के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा लेकिन यहां भी कोशिश फेल होती दिखी।

कांग्रेस घोषणा पत्र की प्रमुख बातें-
राजस्थान में चुनाव जीतने पर जातिगत सर्वे कराएंगे।
हर गांव एवं शहरी वार्ड में सिक्योरिटी गार्ड लगाए जाएंगे।
पहले से चल रही योजनाओं को और मजबूत किया जाएगा।
आवास का अधिकार कानून लाकर सभी को आवास दिए जाएंगे।
पंचायत स्तर पर सरकारी नौकरी का नया काडर बनाया जाएगा।
गैस सिलेंडर अभी 500 रु का मिल रहा है, उसे 400 रु किया जाएगा।
100 तक जनसंख्या वाले गांवों और ढाणियों को सड़क से जोड़ा जाएगा।
चिरंजीवी बीमा की राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रु किया जाएगा।
मनरेगा और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार में 125 से बढ़ाकर 150 दिन किया जाएगा।
4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक MSP कानून लाया जाएगा।
राज्य में RTE कानून लाकर इसके तहत निजी शिक्षण संस्थाओं में भी 12वीं तक की शिक्षा फ्री की जाएगी।
सरकारी कर्मचारियों को 9,18,27 के साथ चौथी वेतनमान श्रंखला व अधिकारियों को एपेक्स स्केल दिया जाएगा।
छोटे व्यापारियों, दुकानदारों को 5 लाख रु तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने के लिए व्यापारी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू होगी।

अब कौन सा कार्ड खोलेगा विपक्ष?
चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस घोषणा पत्र की किसी भी बात पर जनता ने भरोसा नहीं किया। जातिगत सर्वे की बड़ी-बड़ी बातें धरी रह गईं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कहा था कि जिस पार्टी ने पहले देश को बांटा, फिर भाषा के आधार पर बांटा, फिर बोली के आधार पर देश को बांटा, अमीर और गरीब के नाम पर देश को बांटा, छूत और अछूत के नाम पर बांटा, अगड़े और पिछड़ों के नाम पर देश को बांटा, वहीं पार्टी अब जातियों के नाम पर देश और समाज को बांटने का काम कर रही है। जिन्होंने मजहब के नाम पर दूरियां बढ़ाई वो अब जाति के नाम पर दूरिया बढ़ाने की बात कर रहे हैं। OBC के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार कांग्रेस के पास नहीं है। ऐसे में देखना ये है कि कांग्रेस अब कौन सा नया कार्ड लेकर आती है।

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