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Budget 2025: क्या सस्ता और क्या हुआ महंगा?, एक क्लिक में यहाँ जानें सबकुछ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी) को देश का आम बजट पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट था। सीतारमण ने आज बजट पेश करते हुए कई उत्पादों पर बेसिक ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव रखा है जिससे कई चीज़ें सस्ती हो जाएगी। सरकार ने बजट में इनकम टैक्स में कमी जैसी कई राहत लोगों को दी हैं। बजट 2025 में हुई घोषणाओं के साथ ही देश में कई चीज़ों के दामों में कमी आएगी जबकि कुछ चीज़ें महंगी हो जाएंगी।

वित्त मंत्री ने कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आने वाली 36 दवाओं को ड्यूटी फ्री कर दिया है जिससे इनके दामों में कमी आएगी। साथ ही, 6 जीवनरक्षक दवाओं को 5% के रियायती सीमा-शुल्क वाली दवाओं की सूची में शामिल किया है। इसके अलावा 37 अन्य दवाओं को भी ड्यूटी फ्री किया जाएगा जिससे इनके दामों में कमी आएगी।

सरकार ने कोबाल्ट पाउडर और लिथियम-आयन बैटरी, पारा, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को बुनियादी सीमा-शुल्‍क में पूरी तरह छूट दे दी है जिससे इनकी कीमतें कम होंगी। एलसीडी/एलईडी टेलीविजन के पुर्जों पर सीमा शुल्क को 5% कम करके 2.5% कर दिया है। वित्त मंत्री ने वेट ब्लू लेदर को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी है। साथ ही, मछलियों और झींगे के आहार बनाने के लिए फिश हाइड्रोलीसेट पर सीमा शुल्क को 15% से घटाकर 5% कर दिया गया है। जहाजों के निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क से अगले 10 वर्षों के लिए छूट दी गई है।

क्या होगा महंगा?

सरकार ने इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बेसिक सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री के अनुसार, यह कदम इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। साथ ही, बुने हुए कपड़े भी महंगे हो जाएंगे। सीतारमण ने तैयार कपड़ों की विभिन्न श्रेणियों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 20% या 115 रुपये प्रति किलोग्राम (जो भी अधिक हो) कर दिया गया है।

सरकार की कमाई का हिसाब

केंद्र सरकार ने बताया है कि सरकार को मिलने वाले हर एक रुपये में कितना पैसा कहां से आता है? सरकार के मुताबिक, सरकार को मिलने वाले 1 रुपए को अगर 100% मानें तो इसमें से 24% उधारी और अन्य देनदारियों से, 9% गैर-कर प्राप्तियों से और 1% गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों मिलता है। वहीं, सीमा शुल्क से 4%, निगम कर से 17%, जीएसटी व अन्य करों से 18%, केंद्रीय उत्पाद शुल्क से 5% और आयकर से 22% मिलता है।

कहां खर्च कर रही सरकार

वहीं, केंद्र सरकार ने 1 रुपए के खर्च को लेकर बताया है कि इसमें से सर्वाधिक 22% राज्यों का कर व शुल्क के हिस्से का तौर पर जा रहा है। वहीं, सरकार ब्याज भुगतान में 20%, केंद्रीय क्षेत्र स्कीम (रक्षा एवं सब्सिडी पर पूंजीगत परिव्यय को छोड़कर) में 16% प्रमुख सब्सिडी में 6%, रक्षा में 8% और वित्त आयोग पर अन्य अंतरण पर 8% का खर्च किया जा रहा है। साथ ही, केंद्र प्रायोजित स्कीम में 8%, अन्य व्यय में 8% और पेंशन में 4% खर्च किया जा रहा है।

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