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आस्था के महाकुंभ में होगी धन की वर्षा… ₹4 लाख करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान…

महाकुम्भ नगर, । मकर संक्रांति को पहले अमृत स्नान के साथ महाकुंभ का आगाज हो गया है। अक्सर ये माना जाता है कि धार्मिक आयोजन, यात्राओं, मेलों और पर्वों में उम्रदराज लोग शामिल होते हैं। इस बार महाकुम्भ में सनातन के प्रति युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। मेला क्षेत्र के हर कोने में आपको युवाओं की अच्छी खासा तादाद देखने को मिल जाएगी। इस बार महाकुम्भ में देश के काेन-काेने से युवा सनातन धर्म की भव्यता, दिव्यता और आध्यात्मिकता का विराट रूप देखने के लिए उत्सुक दिखे। गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला पूरे 45 दिन 26 फरवरी तक चलेगा। इसमें 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।\

 आस्था के इस महापर्व से आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा फायदा होने का अनुमान है। धार्मिक आयोजन आर्थिक गतिविधियों को भी बड़ा केंद्र रहे हैं और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने का अनुमान है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महाकुंभ से 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है और इससे नॉमिनल और रियल जीडीपी दोनों में 1% से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है। सरकारी अनुमानों के मुताबिक, अगर 40 करोड़ श्रद्धालुओं में से प्रत्येक औसतन 5,000 रुपए खर्च करता है, तो महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हो सकता है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि प्रति व्यक्ति औसत व्यय 10,000 रुपए तक बढ़ सकता है, जिससे कुल व्यापार बढ़कर 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) से लेकर फार्मास्युटिकल सेक्टर तक ने अपने मार्केटिंग बजट में कटौती की है और इसे महाकुंभ के लिए इस्तेमाल होने का अनुमान है। एक अनुमान के मुताबिक, महाकुंभ में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी के अनुसार, इस मेले में सरकार का करीब 16,000 करोड़ रुपये निवेश होगा और इसके बदले सरकार को केवल जीएसटी से 50,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है

साथ ही, आयकर और अन्य अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर महाकुंभ से सरकार का कुल राजस्व 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। आस्था का महाकुंभ अर्थव्यवस्था के लिए भी वरदान की तरह है हज़ारों छोटे-बड़े व्यवसायों पर इसका सकारात्मक असर लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करेगा। अयोध्या, मथुरा और काशी जैसी नगरियों में तीर्थाटन के चलते बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ रहा है।

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