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योगी सरकार की कोर्ट में प्रभावी पैरवी से माफिया विजय मिश्रा को लगा तगड़ा झटका

– एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को वाराणसी की गायिका से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 15 साल की कठोर कारावास की सुनायी सजा

– न्यायालय ने एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया, अर्थदंड अदा न करने पर 3 वर्ष के अतिरिक्त कारावास से किया दंडित

– धारा 506 भादवि में 2 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार अर्थदंड से किया गया दंडित, अर्थदण्ड अदा न करने पर 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सुनायी गयी सजा

लखनऊ : योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस नीति और कोर्ट में प्रभावी पैरवी ने माफियाओं की कमर तोड़ दी है। इसी क्रम में शनिवार को पूर्वांचल के माफिया विजय मिश्रा को बड़ा झटका लगा है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को वाराणसी की गायिका से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 15 साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही न्यायालय ने एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके अलावा अर्थदंड अदा न करने पर 3 वर्ष के अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया। वहीं धारा 506 भादवि में 2 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार अर्थदंड से दंडित किया गया है। इसके साथ ही अर्थदण्ड अदा न करने पर 3 माह के अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया है।

माफिया विजय मिश्रा और उसके साथियों पर दर्ज हैं कुल 83 मुकदमे
स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि माफिया विजय मिश्रा व उसके साथियों के खिलाफ कुल 83 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश में 82 जबकि पश्चिम बंगाल 1 मुकदमा दर्ज है। इन मुकदमों में से 21 मुकदमे प्रदेश के विभिन्न न्यायालय में चल रहे हैं, जिसमें अकेले भदोही न्यायालय में 15 मुकदमे चल रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को वाराणसी की गायिका से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 15 साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी है। मालूम हो कि वाराणसी की रहने वाली एक गायिका ने साल 2020 में पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि माफिया विजय मिश्रा, उसके बेटे विष्णु मिश्रा और पोते ज्योति उर्फ विकास मिश्रा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यक्रम के बहाने बुलाकर गैंगरेप किया था, लेकिन उस समय माफिया विजय मिश्रा के दबदबे के कारण कुछ नहीं कर सकी। अब जब योगी सरकार ने माफिया विजय मिश्रा पर शिकंजा कसना शुरू किया तो वह भी खुलकर सामने आई। न्यायाधीश सुबोध सिंह ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए माफिया विजय मिश्रा पर आरोप तय करते हुए आदेश सुरक्षित कर लिया था।

करीब एक साल में तीसरी बार सुनाई गई सजा
योगी सरकार की कोर्ट में प्रभावी पैरवी का ही नतीजा है कि माफिया विजय मिश्रा को पिछले करीब एक साल में कोर्ट द्वारा तीसरे मामले में सजा सुनायी गयी है। इससे पहले माफिया विजय मिश्रा को 17 अक्टूबर 2022 में आर्म्स एक्ट (Arms Act) मामले में सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को मामले में दोषी पाते हुए दो साल छह महीने की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। उसके खिलाफ भदोही के गोपीगंज थाने में निरस्तीकरण का आदेश पारित होने के बाद भी हथियार लेकर फरार होने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके अलावा माफिया विजय मिश्रा को प्रयागराज के फूलपुर थाने में दर्ज आर्म्‍स एक्‍ट के मामले में कोर्ट ने 18 मार्च 2023 में सजा सुनाई थी। माफिया विजय मिश्रा पर चुनावी जनसभा के दौरान सरकारी गनर के शस्‍त्र से फायरिंग करने का आरोप था। कोर्ट ने माफिया विजय मिश्रा को 5 साल के कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया था।

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