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यूपी के इस जिले में 189 राजस्व गांवों को माडल गांव बनाने की तैयारी, कई करोड़ रुपये का फंड रिलीज

हमीरपुर । हमीरपुर जिले में स्वच्छ भारत मिशन फेज-दो के तहत अब पांच हजार से कम आबादी वाले एक सौ नवासी राजस्व गांवों को माडल गांव बनाने की तैयारी की गई है। इसके लिए डिपार्टमेंट को शासन से कई करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया गया है। अगले माह तक समूचे जिले के ज्यादातर गांव माडल गांव में तब्दील हो जाएंगे जिसके लिए डिपार्टमेंट ने प्लान भी बनाया है।

तीन सौ तीस ग्राम पंचायत वाले हमीरपुर जिले में चार सौ चौहत्तर राजस्व गांव आते है जहां एक लाख सत्तावन हजार एक सौ तीस एकल शौचालय बने है। इसके अलावा तीन सौ तीस सामुदायिक शौचालय भी अभी तक बनाए जा चुके है। स्वच्छ भारत मिशन फेज-दो के तहत वर्ष 2022-23 में पांच हजार से अधिक आबादी के इक्कीस गांव माडल गांव के रूप में चमकाए गए है। इसके लिए पौने नौ करोड़ रुपये की धनराशि भी रिलीज की गई थी। इसके अतिरिक्त पांच हजार से कम जनसंख्या वाले गांवों को माडल गांव बनाने के लिए वर्ष 2023-24 में सत्रह करोड़ से अधिक रुपये की धनराशि डिपार्टमेंट को दी गई है। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में बाकी के एक सौ नवासी राजस्व गांवों को चमकाने के लिए पौने आठ करोड़ से अधिक रुपये की धनराशि रिलीज की गई है। जिला पंचायतराज अधिकारी जितेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिले में अभी तक 285 गांव ओडीएफ घोषित हो चुके है। योजना के तहत इन गांवों की अब तस्वीर भी बदल गई है।

पांच हजार से कम आबादी वाले राजस्व गांव बनेंगे माडल गांव

जिला समन्वयक वीर प्रताप सिंह ने बताया कि गांवों में कचरा प्रबंधन से लेकर आरआरसी सेंटर समेत अन्य काम कराने के लिए अगले माह तक टारगेट तय किया गया है। अभी तक एक सौ अठहत्तर गांवों में प्रबंधन कार्य शुरू कराए जा चुके है। बताया कि पांच हजार से कम आबादी वाले एक सौ नवासी राजस्व गांवों को माडल गांव बनाने के लिए कार्य तेजी से शुरू कराए गए है। इसके लिए पौने आठ करोड़ से अधिक रुपये का फंड भी रिलीज हुआ है।

एक सौ अठहत्तर गांवों की अब अगले माह तक बदलेगी तस्वीर

जिला समन्वयक ने बताया कि हमीरपुर जिले में अगले माह तक एक सौ अठहत्तर राजस्व गांवों की तस्वीर बदलने के लिए बड़ी तैयारी की गई है। गांवों को सुंदर और माडल बनाने के लिए साफ सफाई को लेकर विशेष मुहिम चलाई जाएगी। गांवों में हर गली कूचों और चौराहों पर पथ प्रकाश के इंतजाम होंगे। गांवों में तालाबों का कायाकल्प कराया जाएगा। साथ ही सड़कों की विशेष मरम्मत कराई जाएगी। गांवों में लोगों को जलभराव की समस्याओं से भी निजात मिलेगी।

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