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महाकुम्भ पुलिस के आंख और कान बनेंगे युवा, सात स्तरीय सुरक्षा चक्र के साथ

-सात स्तरीय सुरक्षा चक्र के साथ सुरक्षित आयोजन के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग पर जोर

-स्वयंसेवकों के रूप में जुड़कर स्नानार्थियों के आवागमन का करेंगे प्रबंधन

प्रयागराज । योगी सरकार महाकुम्भ को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही इसे सभी के लिए सुरक्षित बनाने पर भी जोर दे रही है। इसके लिए विभिन्न कार्ययोजना बनाई गई हैं। महाकुम्भ पुलिस की ओर से भी तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी क्रम में पुलिस द्वारा कम्युनिटी पुलिसिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। खासतौर पर युवा वर्ग को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह आसपास होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखें और अगर उन्हें कहीं कोई गड़बड़ दिखाई दे तो वह तत्काल पुलिस को सूचित करें। इसका मतलब है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की ही नहीं है, बल्कि प्रयागराज के युवा भी अब पुलिस के आंख और कान बनकर काम करेंगे।

युवाओं की मूवमेंट का मिलेगा लाभ

महाकुम्भ को लेकर यूपी पुलिस की ओर से व्यापक तैयारियां की गई हैं। महाकुम्भ को सात स्तरीय सुरक्षा चक्र में विभाजित किया गया है। इसके अलावा आईसीसीसी के माध्यम से एआई से लैस सीसीटीवी कैमरों द्वारा संदिग्धों की निगरानी किए जाने की व्यवस्था की गई है तो वहीं मेला क्षेत्र में 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाने की तैयारी है।

इसी क्रम में सुरक्षा व्यवस्था को फुल प्रूफ बनाने के लिए कम्युनिटी पुलिसिंग का भी सहारा लिया जा रहा है। सोशल मीडिया और अन्य साधनों से प्रयागराज के जनमानस के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है कि उन्हें कहीं भी किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसमें युवाओं को खासतौर पर सम्मिलित किया जा रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में युवाओं का मूवमेंट स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के साथ-साथ प्रयागराज के विभिन्न स्थानों पर होता है।

स्वयंसेवकों के रूप में जुड़ेंगे युवा

एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि इस आयोजन में युवाओं का भी बहुत बड़ा योगदान होगा। वे डिजिटल मीडिया के माध्यम से महाकुम्भ को प्रोजेक्ट करने के लिए स्वयंसेवकों के रूप में हमारे साथ जुड़ेंगे और तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की आवाजाही समेत भीड़ प्रबंधन में भी पुलिस की सहायता करेंगे। इसके लिए कार्ययोजना बन चुकी है और जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।

संदिग्ध गतिविधियों पर रखेंगे नजर

उन्होंने कहा कि किसी बड़े आयोजन में कम्युनिटी का सहयोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है। दुनिया के सबसे बड़े सामूहिक आयोजन महाकुम्भ को भी सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस को जनपद के नागरिकों का सहयोग चाहिए। खासतौर पर युवा शक्ति का, जो हर कहीं पर सक्रिय है। सोशल मीडिया से लेकर जनपद के किसी भी हिस्से में उन्हें कुछ संदिग्ध नजर आता है तो वह पुलिस को सूचित कर सकते हैं।

इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है, उन्हें अपनी और आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति किन-किन मूल बातों को ध्यान में रखना है, इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न निजी संगठन और संस्थाएं भी इसमें पुलिस का सहयोग कर रही हैं। स्थानीय स्तर पर सेमिनार और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से युवाओं को इसमें पुलिस का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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