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टीएमयू का नायाब तोहफा : दौड़ते वाहनों से अब मिलेगी मुफ्त बिजली, जानिए क्या है तैयारी

-तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में एनिमेशन विभाग की इनोवेटिव फैकल्टी प्रदीप गुप्ता ने फिर रचा इतिहास

-अब तक दो भारतीय पेटेंट प्रदीप की झोली में, तीन पेटेंट्स पाइप लाइन में, साल के अंत तक एक पेटेंट अवार्ड होने की उम्मीद

मुरादाबाद, 27 जून (हि.स.)। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी मुरादाबाद में सीसीएसआईटी की इनोवेटिव फैकल्टी प्रदीप कुमार गुप्ता ने दुनिया को एक और नायाब तोहफा दिया है। इस इनोवेशन में एक्सप्रेस-वे सरीखे रूट पर दौड़ते वाहन बिजली जनरेट करेंगे।

प्रदीप कुमार गुप्ता ने इसके लिए इलेक्ट्रिक टरबाइन विकसित की है, जिससे बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन होगा। ये टरबाइन हाईवे पर फर्राटा भरते वाहनों की हवा की लहरों से बिजली पैदा करेगी। यह जनेरेट विद्युत डायरेक्ट या बैटरियों के जरिए प्रयोग की जा सकती है। साथ ही इस बिजली से हाईवे पर लगी स्टीट लाइट्स, इंडीकेटर्स और ट्रैफिक लाइट्स को भी रोशन किया जा सकता है।

प्रदीप गुप्ता ने इस अनुसंधान का पेटेंट प्राप्त करने के लिए आफिस ऑॅफ कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स- भारतीय बौद्धिक संपदा विभाग ने आवेदन किया, जिसको आविष्कारी मानते हुए पेटेंट विभाग ने अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित भी कर दिया है।

टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षत जैन, वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी ने इस पेटेंट पब्लिकेशन को बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी इनोवेशन, रिसर्च, पब्लिकेशन, स्टार्ट अप्स के प्रति बेहद संजीदा है। साथ ही उन्होंने प्रदीप गुप्ता को हार्दिक बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि साल के अंत तक यूनिवर्सिटी को एक और पेटेंट का तोहफा मिलेगा।

इस टरबाइन का सेटअप परम्परागत टरबाइन की अपेक्षा बेहद सस्ता

विद्युत के मुख्य नवीनतम स्त्रोतों में सोलर और पवन ऊर्जा का मुख्य स्थान है। पवन ऊर्जा के लिए बड़े भू-भाग की आवश्यकता होती है। साथ ही प्रचलित टरबाइन अत्याधिक मंहगी होती है। इसके अतिरिक्त इनसे बिजली प्राप्त करने के लिए बहती हवा का होना अति आवश्यक है। इस टरबाइन का सेटअप परम्परागत टरबाइन की अपेक्षा बेहद सस्ता है। प्रदीप गुप्ता का यह आविष्कार इन समस्याओं का हल सुझाने वाला है। हाईवे पर बने डिवाइडर खाली स्थान के रूप में हैं, जिन पर इन टरबाइन को स्थापित किया जा सकता है। हाइवे पर तीव्र गति से चलने वाला ट्रैफिक तीव्र वायु तरंगों को पैदा करता है। इनकी ऊर्जा से इन टरबाइन को घुमाया जा सकता है। टरबाइन से उत्पन्न होने वाली बिजली हाईवे किनारे स्थित गांवों और कस्बों में तमाम कामों में प्रयोग की जा सकती है।

प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत में हजारों किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे और फोरलेन हाईवे का नेटवर्क उपलब्ध है, जिनमें लाखों की संख्या में वाहन प्रतिदिन तीव्र गति से दौड़ते रहते हैं। अगर प्रति सौ मीटर पर एक टरबाइन लगाई जाए तो प्रतिकिलोमीटर कई किलो वाट विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगी, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं में अहम योगदान करेगी। इससे पूर्व भी प्रदीप गुप्ता के चार आविष्कारों का पब्लिकेशन हो चुका है। दो आविष्कारों- बिजली पैदा करने वाला गेट और कूड़े-कचरे से बनने वाली आरसीसी ब्रिक्स के तो पेटेंट अधिकार मिल चुके हैं। श्री गुप्ता इंडोर सोलर कूकर, ऑक्सीजन जनरेटर आदि पर काम कर रहे हैं।

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