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भारी बारिश से केन नदी उफनाई, खतरे का निशान पर किया, नदी किनारे गांवों में अलर्ट

बांदा, (हि.स.)। मध्य प्रदेश की घाटियों में लगातार कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते गंगऊ और बरियारपुर बांध उफना गए हैं। इनका पानी केन नदी में छोड़े जाने से अचानक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। शनिवार को नदी ने खतरे का लाल निशान पर कर लिया। जिससे नदी किनारे बसे गांव में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। प्रशासन ने नदी के किनारे गांवों को अलर्ट कर दिया है। बाढ़ चौकिया को भी सतर्क रहने को कहा गया है। नदी का जलस्तर खतरे का निशान 104 मीटर को पार कर 104.53 मीटर पर पहुंच गया है।

मध्य प्रदेश स्थित बांध क्षेत्र के इनकैचमेंट एरिया में हो रही बारिश से गंगऊ और बरियारपुर बांध उफना गए हैं। दोनों बांध केन नदी में ही मध्य प्रदेश के छतरपुर व पन्ना जनपदों में बने हैं। शुक्रवार की शाम गंगऊ से 03 लाख 07 हजार 478 और बरियारपुर बांध से 03 लाख 24 हजार 64 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है। यह पानी बारिश के बाद सर्वाधिक डिस्चार्ज है। सिंचाई विभाग के मुताबिक पहली जून से अब तक चित्रकूट मंडल में सर्वाधिक 574 मिमी वर्षा बांदा में दर्ज की गई है। महोबा में 403 मिमी, चित्रकूट में 211 और हमीरपुर में 425 मिमी वर्षा हो चुकी है। विभाग के अवर अभियंता वेद प्रकाश गौड़ के मुताबिक बांधों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

इस बीच के नदी का जलस्तर खतरे का निशान पार करके 104.53 मीटर पर पहुंच जाने से प्रशासन ने नदी किनारे आबद गांवों को अलर्ट कर दिया है, साथ ही बाढ़ चौकियां में तैनात कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। नदी का जलस्तर हर घंटे करीब 10 सेंटीमीटर बढ़ रहा है जिससे नदी किनारे गांवों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शनिवार को सवेरे नदी का जलस्तर 104.53 मीटर पर रहा जो खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर अधिक है। अभी भी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

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