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बरसात में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो इसके लिए रखें आवश्यक सावधानियां : एम.देवराज

लखनऊ (हि.स.)। बरसात के मौसम की शुरूआत हो गयी है। इस मौसम में विद्युत लाइनों उपकरणों तथा ट्रांसफार्मरों के क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा रहती है। ऐसी स्थिति में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। इसके लिये आवश्यक सावधानियों और अनुरक्षण कार्य समय से कर लिये जायें।

यह निर्देश उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने प्रदेश के सभी वितरण एवं ट्रांसमिशन अधिकारियों को दिये। जारी दिशा निर्देश में उन्होंने कहा है कि भीषण गर्मी में प्रदेशवासियों को वर्षा के कारण राहत मिली है। इन गर्मियों में बिजली मांग रिकार्ड स्तर पर गयी, जिसे पावर कारपोरेशन ने 27611 मेगावाट की आपूर्ति करके पूरा किया। आगामी महीनों में विद्युत की मांग मौसम के स्वरूप पर निर्भर करेगी, लेकिन अगस्त और सितम्बर में पूर्व वर्षों की तरह फिर मांग नये रिकार्ड तक पहुंच सकती है। अभी से सभी परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कर ली जाये।

अध्यक्ष ने कहा कि गर्मी के बाद बारिश में, मौसम में नमी बढ़ जाती है। इसके कारण विद्युत उपकरणों की मेगर वैल्यू अर्थात इन्सूलेशन क्षमता घट जाती है। इन्सूलेशन क्षमता की कमी बारिश में तापमान बढ़ने तथा वातावरण में नमी होने से होती है, जिससे 11 के0वी0 व 33 के0वी0 की लाइनों के पिन तथा डिस्क इन्सूलेटर के पंचर होने की घटनाएं बढ़ सकती है। वितरण व पावर परिवर्तक के एच0टी0 एवं एल0टी0 साइड के बुशिंग के इन्सूलेटर पंचर हो सकते हैं। उपकेन्द्रों के ब्रेकर के स्पॉउट तथा बसबार में वोल्टेज फॉल्ट बढ़ेंगे, पेड़ की टहनियों की जरा भी नजदीक आने से ओवर हेड लाइन की अर्थ फाल्ट पर ट्रिपिंग होने की सम्भावना बढ़ जाती है तथा एच0टी0 उपभोक्ताओं (11 व 33 केवी) के मीटरिंग क्यूबिकल में वोल्टेज फॅाल्ट के कारण औद्योगिक फीडरों में आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में आपूर्ति बेहतर रहे और स्थनीय दोष कम से कम हो इसके लिये निम्न सावधानियां बरती जायें। 11 के0वी0 व 33 के0वी0 की लाइनों के पिन तथा डिस्क इन्सूलेटर स्टोर में उपलब्ध हो। वितरण व पावर परिवर्तक के एच0टी0 और एल0टी0 साइड के बुशिंग के इन्सूलेटर नजदीक की कार्यशाला में परिवर्तक की क्षमतावार टैगिंग के साथ रखे जाये। उपकेन्द्र के ब्रेकर की मेक के अनुसार स्पॉउट उपलब्ध हो। यथा सम्भव पेड़ों की कटाई छटाई करायी जाती रहे। उपभोक्ता मीटरिंग रूम तथा उपकेन्द्रों पर नमी विद्युत उपकरणों पर न बैठें। इसके लिए आवश्यक क्षमता के हीटर जलाकर रखे जायें। उपकेन्द्रों पर कूलर का प्रयोग बारिश के प्रारम्भ होने के पश्चात बिलकुल भी न किया जाये। जिन कमरों में नमी होने के पूर्व रिकार्ड उपलब्ध है। उनमें हीटर जलाकर रखने के पश्चात एक्जास्ट फैन न चलाये जायें।

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